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Tuesday 31 August, 2021

मोदी सरकार समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है : के. लक्ष्मण

 

भाजपा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण का कहना है कि मोदी सरकार की योजनाओं से बड़े पैमाने पर पिछड़ा वर्ग समुदाय लाभान्वित हुआ है, जबकि कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी को मतदाता के रूप में देखा है और उन्हें कभी महत्व नहीं दिया। पिछले दिनों डॉ. लक्ष्मण से कमल संदेश के सह संपादक संजीव कुमार सिन्हा एवं रामप्रसाद त्रिपाठी ने बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश-

मोदी सरकार ने हाल ही में मेडिकल शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला लिया। कृपया इस संबंध में हमें बताएं ?

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मेडिकल शिक्षा में ओबीसी को 27 प्रतिशत तथा ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला लिया। इसे वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से ही लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस, एमडीएस और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे।

इस निर्णय के क्या दूरगामी परिणाम होंगे?

प्रधानमंत्री श्री मोदी हमारे प्रेरणास्रोत पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत अंत्योदय सिद्धांत के आधार पर सरकार चला रहे हैं। मोदी सरकार समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। आज अनुसूचित जाति समाज से देश के राष्ट्रपति बने हैं तो पिछड़ा वर्ग से देश के प्रधानमंत्री। पूरे देश में ओबीसी आबादी 50 प्रतिशत है। मेडिकल शिक्षा में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय से निस्संदेह पिछड़ा वर्ग सशक्त होगा। मोदीजी द्वारा प्रस्तुत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और अब सबका प्रयास’ इस ध्येय से संपूर्ण देशवासियों का हित संवर्धन होगा।

कांग्रेस ने इस निर्णय को चुनावी एजेंडा करार दिया है। क्या कहेंगे आप इस पर ?

सिर्फ राजनीति के लिए हम निर्णय नहीं लेते हैं, सामाजिक न्याय भी होना चाहिए। हम जो बोलते हैं वो करते हैं और जो करते हैं वो बोलते हैं। धारा 370 हटाने, राममंदिर का निर्माण, तीन तलाक खत्म करने, ऐसे अनेक निर्णय हुए हैं। जो वंचित हैं, पार्टी और सरकार सभी जगह, हम उनको लेकर आगे बढ़ते हैं। मैं सवाल करना चाहता हूं कि कांग्रेस क्यों पिछड़ा वर्ग को केवल मतदाता के नाते देखती रही है, इंसानियत के नाते क्यों नहीं देखा? पिछड़ा वर्ग हित में विभिन्न आयोगों ने सिफारिशें कीं, लेकिन उसने इसे ठुकरा दिया। कांग्रेस को तो हक ही नहीं है सवाल पूछने का।

हाल ही में मंत्रिपरिषद् विस्तार में समाज के सभी वर्गों से मंत्रियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ है। इसे आप किस रूप में देखते हैं ?

वर्तमान में मोदी सरकार में 27 मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं जबकि 12 अनुसूचित जाति एवं 8 अनुसूचित जाति समुदाय से हैं। 11 महिला मंत्री भी सरकार में शामिल हैं। भौगोलिक और सामाजिक दृष्टिकोण से विचार करते हुए मंत्रिपरिषद् में उन्हें शामिल कर सम्मान दिया गया है। मोदी सरकार सही मायने में सामाजिक न्याय पर अमल कर रही है। हम देश भर में इन मंत्रियों के जन-समर्थन को लेकर ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ कर रहे हैं।

मोदी सरकार ने ओबीसी समाज के हित में और कौन से कदम उठाए हैं ?

मोदी सरकार ने गत सात वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। यह ऐतिहासिक कदम था। पहली बार केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और विधि विश्वविद्यालयों, सैनिक स्कूलों में भी आरक्षण लागू किया जा रहा है, जिससे इस साल पिछड़ा वर्ग के लगभग 70 हजार छात्रों को लाभ होनेवाला है। मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया गया। क्रीमी लेयर का स्तर 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये किया गया। पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारियों के बच्चों के लिए पहली बार आरक्षण पर अमल किया जा रहा है। 1993 में मंडल आयोग की सिफारिश के बाद किसी सरकार ने पिछड़ा वर्ग पर इतना ध्यान नहीं दिया, जितना कि मोदी सरकार दे रही है।

आजादी के बाद 75 वर्षों में तो लगभग 60 वर्ष कांग्रेस सरकार में थी। इसमें भी लगभग 35 साल एक ही परिवार ने राज किया। पचास के दशक में नेहरूजी जब प्रधानमंत्री थे, तब काका कालेलकर आयोग ने जो सिफारिशें की, उस पर संसद में चर्चा नहीं की और उसकी अनदेखी की। इंदिरा गांधीजी 17 साल प्रधानमंत्री रहीं, इन्होंने काका कालेलकर आयोग को कोई महत्व नहीं दिया और न ही कोई अन्य आयोग बिठाया। कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को धोखा दिया। जब कभी आरक्षण का मुद्दा आया, उसने समर्थन नहीं किया।

जनता पार्टी शासन में मोरारजीभाई प्रधानमंत्री थे, अटल बिहारी वाजपेयीजी, लालकृष्ण आडवाणीजी उस सरकार में मंत्री थे, तभी मंडल आयोग का गठन हुआ। इसकी सिफारिशें भी तब हुईं जब केंद्र में वीपी सिंह सरकार आई। वीपी सिंह सरकार ने लोकसभा में प्रस्ताव पारित किया। राजीव गांधीजी ने दो बार लगातार विपक्ष के नेता के नाते इसके खिलाफ बोला। इतना ही नहीं, 2004 से लेकर 2014 तक केंद्र में यूपीए सरकार थी। क्षेत्रीय दल– समाजवादी, राजद, बसपा आदि जो अपने को पिछड़ा वर्ग के हितैषी के रूप में प्रस्तुत करते नहीं थकते हैं, उन्होंने क्यों नहीं पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के बारे में सोचा?

जब मोदी सरकार द्वारा 2017 में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया तब लोकसभा में कांग्रेस ने विरोध किया, वामपंथी दलों ने विरोध किया। लोकसभा में प्रस्ताव पारित हुआ। राज्यसभा में यह बिल आने पर कांग्रेस ने फिर इसका विरोध किया। श्री भूपेन्द्र यादव के नेतृत्व में समिति बनी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, श्री अमित शाहजी एवं श्री जगत प्रकाश नड्डा की पहल से राज्यसभा में दोबारा इसे पारित किया गया। भाजपा शासित अनेक राज्यों में ओबीसी समुदाय के मुख्यमंत्री बने हैं।

सिर्फ आरक्षण की ही बात नहीं, मोदी सरकार द्वारा जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उससे पिछड़े और गरीबों को बहुत लाभ हो रहा है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, मुद्रा योजना, किसान सम्मान निधि योजना, आयुष्मान भारत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना आदि से सबसे बड़े पैमाने पर लाभान्वित पिछड़ा वर्ग समाज ही हुआ है। इसलिए यह गरीबों-किसानों की सरकार है। शोषित, पीड़ित, वंचित, दलित; इन वर्गों की सरकार है। इन वर्गों के हित में काम करनेवाली सरकार है, युवाओं, महिलाओं की भी इसमें भागीदारी है।

भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आपके कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो रहा है। इस दौरान मोर्चा की क्या सक्रियता रही ?

भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में पार्टी के अंदर पिछड़ा वर्ग समुदाय को काफी महत्व दिया जा रहा है। इस समुदाय से अनेक प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व मेरे द्वारा संभालने के बाद अनेक कार्यक्रम हुए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन हुआ है। चार बार राष्ट्रीय परिषद् की बैठकें हुई हैं। पहली बार मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में हुई। संसद में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदीजी द्वारा नए मंत्रियों का परिचय कराने के समय विरोध किया और ऐसा नहीं करने दिया। भाजपा ने तय किया कि आम आदमी के बीच नए मंत्रियों का अभिनंदन समारोह करेंगे। मोर्चा द्वारा मोदी सरकार में ओबीसी समुदाय के 27 मंत्रियों का अभिनंदन कार्यक्रम किया गया। पूर्व के दोनों कार्यक्रमों में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। आज देश भर में हम संगठन मजबूत करने के िलए प्रवास कर रहे हैं। 28 प्रदेशों में कार्यसमिति गठित हुई है। लगभग 801 जिलों में ओबीसी मोर्चा का गठन हुआ है। लगभग 9507 मंडलों में पहली बार ओबीसी मोर्चा समिति गठित हुई है।

भाजपा ओबीसी मोर्चा की आगामी क्या योजनाएं हैं ?

हम हर प्रदेश में सामाजिक कल्याण सम्मेलन करेंगे। जहां-जहां पिछड़ा वर्ग आयोग नहीं बिठाया गया, उसको संवैधानिक दर्जा देने की मांग भी हमारी है, इसके लिए हम आंदोलन करेंगे और लोगों को इकट्ठा करेंगे। ओबीसी समुदाय में भाजपा की विचारधारा का प्रचार करेंगे और उन्हें मोर्चा से जोड़ेंगे। अन्य दलों द्वारा ओबीसी समुदाय को किस तरह धोखा दिया गया है, इसका पर्दाफाश करेंगे। ओबीसी मोर्चा मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक घर-घर दस्तक देगा, गांव-गांव पहुंचेगा और जन-जन को जागृत करेगा। पिछड़ा वर्ग का समर्थन लेने में भाजपा ओबीसी मोर्चा सक्रिय रूप से काम करेगा।

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मेडिकल शिक्षा में ओबीसी तथा ईडब्ल्यूएस आरक्षण से एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस, एमडीएस और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे

• मोदी सरकार सही मायने में सामाजिक न्याय पर अमल कर रही है

• राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। यह ऐतिहासिक कदम था

• मोदी सरकार द्वारा जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उससे पिछड़े और गरीबों को बहुत लाभ हो रहा है

• ओबीसी मोर्चा मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक घर-घर दस्तक देगा और जन-जन को जागृत करेगा

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Friday 6 August, 2021

वर्तमान में हम भारत के इतिहास में महिला सशक्तिकरण का स्वर्ण युग देख रहे हैं : वानथी श्रीनिवासन

 

भारतीय जनता पार्टी, महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष और कोयंबटूर दक्षिण से तमिलनाडु विधानसभा की सदस्य श्रीमती वानथी श्रीनिवासन पार्टी की ऊर्जावान महिला नेतृत्व का प्रतिनिधित्व करती हैं। एक बहुत ही विनम्र कृषि परिवार से आनेवाली श्रीमती श्रीनिवासन ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में अनेक दायित्वों का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया। उन्होंने महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यभार संभालने से पहले भाजपा, तमिलनाडु प्रदेश मंत्री, महामंत्री और उपाध्यक्ष के रूप में कई जिम्मेदारियां निभाईं। अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जानी जानेवाली श्रीमती श्रीनिवासन ने तमिलनाडु में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की और इस चुनाव में उन्होंने एक नामी फिल्म अभिनेता को हराया था।

श्रीमती वानथी श्रीनिवासन से उनके नई दिल्ली स्थित निवास पर कमल संदेश के सह संपादक संजीव कुमार सिन्हा और राम प्रसाद त्रिपाठी ने महिला मोर्चा की सक्रियता एवं मोदी सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण के लिए किए जा रहे कार्यों को लेकर बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश :

सबसे पहले हम आपको कोयंबटूर दक्षिण विधानसभा चुनाव में जीत के लिए बधाई देते हैं।

आपके अभिवादन के लिए धन्यवाद।

‘बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ’ से लेकर अधिकतम महिला मंत्रियों को मंत्रिपरिषद् में शामिल करने तक, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्ववाली केंद्र सरकार ने लैंगिक न्याय और महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। एक महिला के तौर पर आप इसे कैसे देखती हैं ?

जहां तक स्त्रीशक्ति के हित के लिए विभिन्न कदमों का सवाल है, मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार देश की बेटियों के दर्द और चुनौतियों को समझती है और उनका समयबद्ध तरीके से समाधान करने के लिए कटिबद्ध है। यह सरकार महिलाओं को उनके अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है।

इसके अलावा, भाजपा देश की एकमात्र राष्ट्रीय पार्टी है जो पार्टी में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण प्रदान कर रही है। पार्टी न केवल महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दे रही है, बल्कि पंचायत से लेकर संसद तक केंद्रीय मंत्रिपरिषद् सहित सरकार के हर स्तर पर उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर रही है, जिससे सरकार के सर्वोच्च निर्णय लेनेवाले निकाय में महिलाओं का प्रतिनिधित्व हो सके।

मैं आपसे सहमत हूं कि ‘बेटी बचाओ—बेटी पढ़ाओ’ से लेकर ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ तक, मातृत्व अवकाश देने से लेकर केंद्रीय मंत्रिमंडल में अधिकतम महिलाओं को शामिल करने तक, भाजपा नेतृत्ववाली सरकार ने बड़े पैमाने पर महिलाओं के हित में अनेक योजनाएं प्रारंभ की है। किसी अन्य सरकार ने महिलाओं को शासन में इतना सम्मान और प्रतिनिधित्व नहीं दिया, जितना मोदी सरकार ने दिया है। एक महिला के रूप में मुझे संगठन का हिस्सा होने पर गर्व महसूस होता है और मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में वर्तमान में हम भारत के इतिहास में महिला सशक्तिकरण का स्वर्ण युग देख रहे हैं।

किसी देश को सशक्त बनाने के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण बेहद जरूरी है। इस संदर्भ में देखा जाए तो हाल ही में अधिकतम महिलाओं को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करना कितना महत्वपूर्ण है ?

प्रधानमंत्री श्री मोदी शुरू से ही इस बात पर जोर देते रहे हैं कि किसी देश को सशक्त बनाने के लिए महिला सशक्तिकरण बेहद जरूरी है। इसलिए, पिछले सात वर्षों में प्रधानमंत्रीजी ने यह सुनिश्चित किया है कि महिलाओं को पर्याप्त सम्मान एवं भरपूर अवसर मिले।

स्वतंत्रता के बाद के भारत में संभवत: यह पहली बार है जब केंद्रीय मंत्रिपरिषद् में इतनी बड़ी संख्या में महिला मंत्री शामिल हैं। प्रधानमंत्रीजी ने सात और महिला मंत्रियों को शामिल किया है, जिसके बाद अब महिला मंत्रियों की कुल संख्या 11 हो गयी है। प्रधानमंत्रीजी का यह कदम दर्शाता है कि भारत ‘महिलाओं के विकास’ से आगे बढ़कर ‘महिला नेतृत्ववाले विकास’ की ओर जा रहा है। ये मंत्री देश भर से हैं और समाज के सभी वर्गों और तबकों का प्रतिनिधित्व करते हैं। और इन महिला मंत्रियों के नेतृत्व में महिला केंद्रित मुद्दों और नीतियों को प्राथमिकता मिलनी तय है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।

मोदी सरकार ने हमारे देश की महिला आबादी की बेहतरी के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू किया है। भाजपा महिला मोर्चा इस संदेश को जमीनी स्तर पर ले जाने और कल्याणकारी योजनाओं के शीघ्र कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने को लेकर क्या योजना बना रहा है ?

‘जन-धन योजना’ का उदाहरण हमारे सामने हैं, महिलाएं इस योजना की प्रमुख लाभार्थी हैं और मोदीजी जानते हैं कि यदि एक महिला अपना एक नया पैसा भी खर्च करती है, तो वह उसके परिवार के कल्याण के लिए होता है। इसलिए प्रधानमंत्रीजी ने महिलाओं के खाते में पैसा जमा कराया। ‘स्वच्छ भारत’ में भी सबसे ज्यादा फायदा महिलाओं को ही मिला है।

इसी तरह ‘उज्ज्वला’ है, जिसमें भी महिलाएं ही प्रमुख लाभार्थी हैं, और यह उन्हें पारंपरिक तरीके से ईंधन के प्रयोग से मुक्ति प्रदान करता है जो कई बीमारियों का कारण बनता था। ‘आवास योजना’ में भी महिलाएं प्रमुख लाभार्थी हैं और उनके नाम संपत्ति कर महिलाओं को सशक्त बनाया जा रहा है। जिस तरह से हमारे प्रधानमंत्रीजी ने बेटियों को हर क्षेत्र में अपनी सही जगह हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया है वह वास्तव में अभूतपूर्व और सराहनीय है। भाजपा महिला मोर्चा इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए महिलाओं में जागरूकता पैदा कर रही है और आनेवाले दिनों में हम प्रत्येक लाभार्थी के घर तक जाने का प्रयास करेंगे।

• माेदी सरकार महिलाओं को उनके अधिकार देकर उन्हें सशक्त बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है

• भारतीय जनता पार्टी न केवल महिलाओं को चुनाव लड़ने का मौका दे रही है, बल्कि पंचायत से लेकर संसद तक केंद्रीय मंत्रिपरिषद् सहित सरकार के हर स्तर पर उनका प्रतिनिधित्व सुनिश्चित कर रही है

• भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित अमृत महोत्सव के निमित्त हम 75 महिला स्वतंत्रता सेनानियों के जन्मस्थान एवं स्मारकों पर एक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं

महिलाओं के लिए जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश की नई अधिवास (डोमिसाइल) नीति कितनी महत्वपूर्ण है ?

पुराना स्थायी निवासी नियम जम्मू और कश्मीर की महिलाओं के साथ भेदभाव करता था क्योंकि यह नियम उनको किसी गैर-स्थायी निवासी के साथ शादी करने के बाद राज्य से प्राप्त अधिकार से वंचित कर देता था। लेकिन नई डोमिसाइल नीति ने राज्य की महिलाओं को विवाह की स्वतंत्रता देकर और उनके डोमिसाइल को बनाए रखने के साथ-साथ समाज में समान भागीदारी का अधिकार प्रदान कर न्याय प्रदान किया है। अब उनके जीवन-साथी भी डोमिसाइल नीति के तहत लाभ पाने के हकदार हैं।

जब एक लड़की केवल राज्य की सीमाओं के बाहर जीवन-साथी चुनने के लिए अपनी नागरिकता और संपत्ति खो देती है, तो ऐसी भेदभावपूर्ण प्रथा को रोकने के लिए भाजपा के अलावा किसी अन्य राजनीतिक दल ने इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाने की हिम्मत नहीं दिखाई। भाजपा महिला मोर्चा ने इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया है। जम्मू-कश्मीर की कई महिलाओं को डोमिसाइल अधिकारों से लाभ होगा, जिनसे वे दशकों से वंचित थीं।

भाजपा ने कोविड-19 महामारी के दौरान ‘सेवा ही संगठन’ की शुरुआत की। महिला मोर्चा ने इस अभियान में कैसे अपना योगदान दिया ?

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा द्वारा शुरू किए गए ‘सेवा ही संगठन’ अभियान के तहत पार्टी की लाखों महिला कार्यकर्ता अपने घरों से जरूरतमंदों की सेवा के लिए भोजन, आवश्यक सामग्री और रक्तदान के लिए निकलीं। 22 राज्यों से उपलब्ध रिपोर्ट के अनुसार 55,58,294 मास्क, 46,86,686 भोजन के पैकेट, 47,88,522 राशन के पैकेट, 3,76,498 सेनेटरी पैड / सैनिटाइज़र वितरित किए गए और 11,645 महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं ने जरूरतमंदों को रक्तदान किया।

आपके कार्यभार संभालने के बाद, भाजपा महिला मोर्चा की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में कुछ बताएं ?

महिला मोर्चा ने अधिकांश राज्यों में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठकें पूरी कर ली हैं। अब हमारा ध्यान मंडलस्तरीय समितियां, बूथ समितियां और पन्ना प्रमुखों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने पर है। हम बूथ समितियों में एक तिहाई महिलाओं को शामिल करने के लिए काम कर रहे हैं।

दूसरे, हम महिला केंद्रित मुद्दों के सुचारू समाधान और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए पंचायत से संसद तक एक संगठनात्मक नेटवर्क का निर्माण कर रहे हैं।

तीसरा, हम सर्वस्पर्शी कार्य करते हुए प्रत्येक महिला तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। हम हर राज्य में महिला प्रतिनिधियों का सम्मान और अभिनंदन करेंगे। हम उनसे जुड़ना चाहते हैं क्योंकि ये महिलाएं प्रधानमंत्री की योजनाओं के प्रचार और प्रसार में महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकती हैं।

भारत के 75वें स्वतंत्रता दिवस पर आयोजित अमृत महोत्सव के निमित्त हम 75 महिला स्वतंत्रतासेनानियों के जन्मस्थान/स्मारकों पर एक कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बना रहे हैं। इस अवसर पर हम भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेनेवाली इन गुमनाम महिला नेताओं पर एक पुस्तक भी प्रकाशित करने की योजना बना रहे हैं।