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Tuesday, 23 October 2007

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का कोष 5 हजार करोड़ रुपए!

लेखक-प्रदीप कुमार

माकपा
चाहे सत्ता में हो या न हो, यह सीधे या उल्टे तरीकों से पैसा इकट्ठा करती रहती है। केरल में माकपा ने, कहा जाता है कि, 5 हजार करोड़ रुपए की सम्पदा इकट्ठी कर ली है। माकपा कट्टर साम्प्रदायिक मुस्लिम और ईसाई गुटों से अवसरवादी गठजोड़ करके पैसे की दृष्टि से सबसे अमीर पार्टी बन गई है। आज यह ऐसे कारपोरेट समूह की शक्ल में दिखती है जिसकी न जाने कितनी सम्पत्ति यहां-वहां बिखरी है।

कामरेड खुद को भले ही सर्वहारा वर्ग की पार्टी बताते हों मगर पिछले 5 दशकों में पार्टी की केरल इकाई 5 हजार करोड़ रुपए की स्वामी बन गई है।

खाड़ी के देशों में केरलवासियों के नौकरी करने के बाद से केरल में जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी हैं और माकपा ने इसी मौके का फायदा उठाते हुए बड़ी मात्रा में जमीन, इमारतें तथा अन्य सम्पदा जुटा ली। माकपा और उसके सहयोगी संगठनों, जैसे सीटू, एस.एफ.आई., डी.वाई.एफ.आई., महिला संगठन, सरकारी कर्मचारी, शिक्षक, कालेज और अन्य व्यावसायिक संस्थान, चाहे किसी ताल्लुक में हों या जिले में, अपने-अपने प्रमुख स्थानों में बने भवनों में काम कर रहे हैं। माकपा मुख्यालय ए.के. गोपालन भवन तो माकपा की अकूत दौलत की एक झलक ही है। 15 सौ सीटों वाला एक एयर कण्डीशन्ड सभागार इसमें है। 60 एकड़ के मैदान में एक बड़ा नगर बसाया गया है जिसे ई.एम.एस. अकादमी कहते हैं और यहां माकपा कार्यकर्ताओं को 'प्रशिक्षण' दिया जाता है। केरल में ऐसे कापरेटिव बैंकों और अस्पतालों की कमी नहीं है जो माकपा के निर्देश पर चलते है। ईसाई मिशनरियों की तरह माकपा इन रास्तों से भी पैसे कमा रही है।

2 comments:

अनुनाद सिंह said...

याने, C P M = करोड़ पति मालामाल

अफ़लातून said...

इस तथ्य के उल्लेख के लिए धन्यवाद । क्या मुख्यधारा के अन्य राष्ट्रीय दलों की बाबत आँकड़े प्रस्तुत कर सकते हैं ?