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Monday, 8 October 2007

इस फोटो में कॉमरेडों का असली चरित्र झलकता हैं

साभार- आउटलुक (अंग्रेजी) अक्‍टूबर 15, 2007

4 comments:

संजय बेंगाणी said...

परदे में रहने दो...परदा ना...

अनुनाद सिंह said...

अब इनको सुधरने भी दीजिये! आज इन्हें अमेरिकी चीजें पसन्द आ रहीं हैं तो कल भारतीय चीजें भी पसन्द आयेंगी। कब तक 'वोडका' से ही काम चालाते रहेंगे?

Unknown said...

कॉमरेडो की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का फर्क होता है। अमेरिका और बहुराष्‍टीय कंपनियों को पानी पी-पीकर गाली देना और अमेरिका में अपने बच्‍चों को पढने भेजना, अमेरिकी संस्‍थानों की मलाई चाटना इनकी पुरानी शगल है। कोकाकोला के खिलाफ आंदोलन करना और बाद में कोक से अपनी प्‍यास बुझाना यही इनकी क्रांति का मर्म है।

Yugal said...

ये तो सभी नेताओं का काम है की -- बोलो कुछ और रहो कुछ और