देश के अनेक राज्यों की तरह उत्तराखंड और दिल्ली में भी भाजपा ने सभी लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी ने उत्तराखंड की सभी पांच और दिल्ली की सात सीटों पर कमल खिलाया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री श्याम जाजू के पास दिल्ली एवं उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी का दायित्व है। कमल संदेश के सहायक संपादक संजीव कुमार सिन्हा ने नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में उनसे लोकसभा चुनाव के संदर्भ में इन दोनों राज्यों में भाजपा के प्रदर्शन को लेकर बातचीत की। अपने संगठनात्मक कौशलता के लिए ख्यात श्री जाजू का कहना है कि संगठन की सक्रियता और भाजपा सरकार की उपलब्धियों के चलते पार्टी ने शानदार सफलता प्राप्त की। प्रस्तुत हैं मुख्यांश :
आप भाजपा, दिल्ली प्रदेश और उत्तराखंड के प्रदेश प्रभारी हैं। इन दोनों राज्यों में पार्टी ने शत–प्रतिशत सीटें जीती हैं। इस जीत के क्या कारण रहे?
उत्तराखंड भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी हमने सभी पांचों सीटें जीती थी, उसके बाद विधानसभा का चुनाव हुआ तो 70 में से 57 सीटें हम जीते, थराली का उपचुनाव हुआ वो भी हम जीते, नगर निकाय के चुनाव हुए उसमें भी बढ़त हासिल की और इस बार भी पांचों की पांच सीट हमने जीती। कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत हारे, इस सबके पीछे प्रमुख कारण यह रहा कि उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में आमूलचूल परिवर्तन करने का काम प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में हुआ है। केंद्र से ऑलवेदर रोड के लिए जो पैसे गए, रेल के लिए जो पैसे गए, इससे वहां की अर्थव्यवस्था में परिवर्तन आया है, पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है और इन सबके चलते प्रदेश का भरपूर विकास हुआ। अब उत्तराखंड एक ऐसा प्रदेश है जहां मुख्यमंत्री ने शत–प्रतिशत स्वास्थ्य बीमा दिया है, अटल आयुष्मान योजना वहां पर लागू किया है। इसके साथ ही केंद्र सरकार की उपलब्धियों का भी हमें फायदा हुआ, इस सबके चलते उत्तराखंड में हम पांचों सीटें जीते।
जहां तक दिल्ली का सवाल है, दिल्ली में भी पिछली बार हम सभी सातों सीटें जीते थे। दिल्ली में भी केंद्र सरकार के माध्यम से इस पांच साल के कार्यकाल में जो इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट हुआ है, इसका हमें लाभ मिला। दिल्ली में कांग्रेस ने बड़े दिग्गज नेता मैदान में उतारे थे। पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष, उन सबको लोगों ने नकारा। आम आदमी पार्टी से लोगों को हताशा थी और उन्होंने एकमात्र सशक्त और समर्थ विकल्प के रूप में भारतीय जनता पार्टी को चुना।
दोनों राज्यों में भाजपा ने लोकसभा चुनाव को लेकर किस प्रकार की रणनीति बनाई थी, चुनाव अभियान किस प्रकार चला, इसके बारे में हमें बताएं।
भाजपा का संगठनात्मक ढांचा मजबूत है। भाजपा के कार्यकर्ताओं ने बहुत अच्छा काम किया। दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी का पन्ना प्रमुख, बूथ प्रमुख, शक्ति केंद्र प्रमुख, मंडल अध्यक्ष, जिला अध्यक्ष, ये जो नेटवर्क था, इस नेटवर्क ने प्रत्याशियों की मेहनत के समानांतर सघन अभियान चलाया, इसका यह परिणाम हुआ कि शानदार जीत हम हासिल कर पाए। उत्तराखंड में विषेशकर हमारे लोगों ने सभी जगह पर अनुसूचित जाति के सम्मेलन किए, 70 के 70 विधानसभाओं में हमारे सम्मेलन हुए, युवा शक्ति को जोड़ने के लिए बाइक रैलियां हुईं।
दिल्ली में हर विधानसभा क्षेत्र में महिला मोर्चा का सम्मेलन हुआ। यहां भी अनुसूचित जाति मोर्चा ने बहुत अच्छा काम किया, रामलीला मैदान में विशाल कार्यक्रम आयोजित किया था। झुग्गी–झोपड़ी का वोट–बैंक जो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में शिफ्ट हो गया था, वो भी इस बार हमारे साथ रहा। कई पैमाने पर मुस्लिम वोट भी हमें मिले हैं। इन सबका मिला–जुला असर ये रहा कि हम इन दोनों राज्यों में सभी सीटें जीत पाए।