भाजपा अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)
मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के. लक्ष्मण का कहना है कि मोदी सरकार की
योजनाओं से बड़े पैमाने पर पिछड़ा वर्ग समुदाय लाभान्वित हुआ है, जबकि
कांग्रेस ने हमेशा ओबीसी को मतदाता के रूप में देखा है और उन्हें कभी महत्व
नहीं दिया। पिछले दिनों डॉ. लक्ष्मण से कमल संदेश के सह संपादक संजीव कुमार सिन्हा एवं रामप्रसाद त्रिपाठी ने बातचीत की। प्रस्तुत है प्रमुख अंश-
मोदी सरकार ने हाल ही में मेडिकल
शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग
(ईडब्ल्यूएस) के लिए आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला लिया। कृपया इस संबंध में
हमें बताएं ?
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मेडिकल शिक्षा में ओबीसी को 27 प्रतिशत तथा ईडब्ल्यूएस के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का फैसला लिया। इसे वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से ही लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस, एमडीएस और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे।
इस निर्णय के क्या दूरगामी परिणाम होंगे?
प्रधानमंत्री श्री मोदी हमारे प्रेरणास्रोत पं. दीनदयाल उपाध्याय द्वारा प्रस्तुत अंत्योदय सिद्धांत के आधार पर सरकार चला रहे हैं। मोदी सरकार समाज के पिछड़े और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। आज अनुसूचित जाति समाज से देश के राष्ट्रपति बने हैं तो पिछड़ा वर्ग से देश के प्रधानमंत्री। पूरे देश में ओबीसी आबादी 50 प्रतिशत है। मेडिकल शिक्षा में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय से निस्संदेह पिछड़ा वर्ग सशक्त होगा। मोदीजी द्वारा प्रस्तुत ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, और अब सबका प्रयास’ इस ध्येय से संपूर्ण देशवासियों का हित संवर्धन होगा।
कांग्रेस ने इस निर्णय को चुनावी एजेंडा करार दिया है। क्या कहेंगे आप इस पर ?
सिर्फ राजनीति के लिए हम निर्णय नहीं लेते हैं, सामाजिक न्याय भी होना चाहिए। हम जो बोलते हैं वो करते हैं और जो करते हैं वो बोलते हैं। धारा 370 हटाने, राममंदिर का निर्माण, तीन तलाक खत्म करने, ऐसे अनेक निर्णय हुए हैं। जो वंचित हैं, पार्टी और सरकार सभी जगह, हम उनको लेकर आगे बढ़ते हैं। मैं सवाल करना चाहता हूं कि कांग्रेस क्यों पिछड़ा वर्ग को केवल मतदाता के नाते देखती रही है, इंसानियत के नाते क्यों नहीं देखा? पिछड़ा वर्ग हित में विभिन्न आयोगों ने सिफारिशें कीं, लेकिन उसने इसे ठुकरा दिया। कांग्रेस को तो हक ही नहीं है सवाल पूछने का।
हाल ही में मंत्रिपरिषद् विस्तार में समाज के सभी वर्गों से मंत्रियों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हुआ है। इसे आप किस रूप में देखते हैं ?
वर्तमान में मोदी सरकार में 27 मंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं जबकि 12 अनुसूचित जाति एवं 8 अनुसूचित जाति समुदाय से हैं। 11 महिला मंत्री भी सरकार में शामिल हैं। भौगोलिक और सामाजिक दृष्टिकोण से विचार करते हुए मंत्रिपरिषद् में उन्हें शामिल कर सम्मान दिया गया है। मोदी सरकार सही मायने में सामाजिक न्याय पर अमल कर रही है। हम देश भर में इन मंत्रियों के जन-समर्थन को लेकर ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ कर रहे हैं।
मोदी सरकार ने ओबीसी समाज के हित में और कौन से कदम उठाए हैं ?
मोदी सरकार ने गत सात वर्षों में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये हैं। राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। यह ऐतिहासिक कदम था। पहली बार केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और विधि विश्वविद्यालयों, सैनिक स्कूलों में भी आरक्षण लागू किया जा रहा है, जिससे इस साल पिछड़ा वर्ग के लगभग 70 हजार छात्रों को लाभ होनेवाला है। मछुआरों के लिए अलग मंत्रालय का गठन किया गया। क्रीमी लेयर का स्तर 6 लाख रुपये से बढ़ाकर 8 लाख रुपये किया गया। पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के कर्मचारियों के बच्चों के लिए पहली बार आरक्षण पर अमल किया जा रहा है। 1993 में मंडल आयोग की सिफारिश के बाद किसी सरकार ने पिछड़ा वर्ग पर इतना ध्यान नहीं दिया, जितना कि मोदी सरकार दे रही है।
आजादी के बाद 75 वर्षों में तो लगभग 60 वर्ष कांग्रेस सरकार में थी। इसमें भी लगभग 35 साल एक ही परिवार ने राज किया। पचास के दशक में नेहरूजी जब प्रधानमंत्री थे, तब काका कालेलकर आयोग ने जो सिफारिशें की, उस पर संसद में चर्चा नहीं की और उसकी अनदेखी की। इंदिरा गांधीजी 17 साल प्रधानमंत्री रहीं, इन्होंने काका कालेलकर आयोग को कोई महत्व नहीं दिया और न ही कोई अन्य आयोग बिठाया। कांग्रेस ने पिछड़ा वर्ग को धोखा दिया। जब कभी आरक्षण का मुद्दा आया, उसने समर्थन नहीं किया।
जनता पार्टी शासन में मोरारजीभाई प्रधानमंत्री थे, अटल बिहारी वाजपेयीजी, लालकृष्ण आडवाणीजी उस सरकार में मंत्री थे, तभी मंडल आयोग का गठन हुआ। इसकी सिफारिशें भी तब हुईं जब केंद्र में वीपी सिंह सरकार आई। वीपी सिंह सरकार ने लोकसभा में प्रस्ताव पारित किया। राजीव गांधीजी ने दो बार लगातार विपक्ष के नेता के नाते इसके खिलाफ बोला। इतना ही नहीं, 2004 से लेकर 2014 तक केंद्र में यूपीए सरकार थी। क्षेत्रीय दल– समाजवादी, राजद, बसपा आदि जो अपने को पिछड़ा वर्ग के हितैषी के रूप में प्रस्तुत करते नहीं थकते हैं, उन्होंने क्यों नहीं पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के बारे में सोचा?
जब मोदी सरकार द्वारा 2017 में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया तब लोकसभा में कांग्रेस ने विरोध किया, वामपंथी दलों ने विरोध किया। लोकसभा में प्रस्ताव पारित हुआ। राज्यसभा में यह बिल आने पर कांग्रेस ने फिर इसका विरोध किया। श्री भूपेन्द्र यादव के नेतृत्व में समिति बनी। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, श्री अमित शाहजी एवं श्री जगत प्रकाश नड्डा की पहल से राज्यसभा में दोबारा इसे पारित किया गया। भाजपा शासित अनेक राज्यों में ओबीसी समुदाय के मुख्यमंत्री बने हैं।
सिर्फ आरक्षण की ही बात नहीं, मोदी सरकार द्वारा जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उससे पिछड़े और गरीबों को बहुत लाभ हो रहा है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना, मुद्रा योजना, किसान सम्मान निधि योजना, आयुष्मान भारत योजना, सुकन्या समृद्धि योजना आदि से सबसे बड़े पैमाने पर लाभान्वित पिछड़ा वर्ग समाज ही हुआ है। इसलिए यह गरीबों-किसानों की सरकार है। शोषित, पीड़ित, वंचित, दलित; इन वर्गों की सरकार है। इन वर्गों के हित में काम करनेवाली सरकार है, युवाओं, महिलाओं की भी इसमें भागीदारी है।
भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में आपके कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो रहा है। इस दौरान मोर्चा की क्या सक्रियता रही ?
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा के नेतृत्व में पार्टी के अंदर पिछड़ा वर्ग समुदाय को काफी महत्व दिया जा रहा है। इस समुदाय से अनेक प्रदेश अध्यक्ष बने हैं। भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व मेरे द्वारा संभालने के बाद अनेक कार्यक्रम हुए हैं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन हुआ है। चार बार राष्ट्रीय परिषद् की बैठकें हुई हैं। पहली बार मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक दिल्ली में हुई। संसद में कांग्रेस ने प्रधानमंत्री मोदीजी द्वारा नए मंत्रियों का परिचय कराने के समय विरोध किया और ऐसा नहीं करने दिया। भाजपा ने तय किया कि आम आदमी के बीच नए मंत्रियों का अभिनंदन समारोह करेंगे। मोर्चा द्वारा मोदी सरकार में ओबीसी समुदाय के 27 मंत्रियों का अभिनंदन कार्यक्रम किया गया। पूर्व के दोनों कार्यक्रमों में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा की उपस्थिति उल्लेखनीय रही। आज देश भर में हम संगठन मजबूत करने के िलए प्रवास कर रहे हैं। 28 प्रदेशों में कार्यसमिति गठित हुई है। लगभग 801 जिलों में ओबीसी मोर्चा का गठन हुआ है। लगभग 9507 मंडलों में पहली बार ओबीसी मोर्चा समिति गठित हुई है।
भाजपा ओबीसी मोर्चा की आगामी क्या योजनाएं हैं ?
हम हर प्रदेश में सामाजिक कल्याण सम्मेलन करेंगे। जहां-जहां पिछड़ा वर्ग आयोग नहीं बिठाया गया, उसको संवैधानिक दर्जा देने की मांग भी हमारी है, इसके लिए हम आंदोलन करेंगे और लोगों को इकट्ठा करेंगे। ओबीसी समुदाय में भाजपा की विचारधारा का प्रचार करेंगे और उन्हें मोर्चा से जोड़ेंगे। अन्य दलों द्वारा ओबीसी समुदाय को किस तरह धोखा दिया गया है, इसका पर्दाफाश करेंगे। ओबीसी मोर्चा मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक घर-घर दस्तक देगा, गांव-गांव पहुंचेगा और जन-जन को जागृत करेगा। पिछड़ा वर्ग का समर्थन लेने में भाजपा ओबीसी मोर्चा सक्रिय रूप से काम करेगा।
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•मेडिकल शिक्षा में ओबीसी तथा ईडब्ल्यूएस आरक्षण से एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस, एमडीएस और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में 5,550 छात्र लाभान्वित होंगे
• मोदी सरकार सही मायने में सामाजिक न्याय पर अमल कर रही है
• राष्ट्रीय स्तर पर पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। यह ऐतिहासिक कदम था
• मोदी सरकार द्वारा जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उससे पिछड़े और गरीबों को बहुत लाभ हो रहा है
• ओबीसी मोर्चा मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक घर-घर दस्तक देगा और जन-जन को जागृत करेगा
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