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Tuesday, 21 September 2021

संवैधानिक प्रावधानों का लाभ समाज के सभी वर्गों को सुनिश्चित किया जा रहा है : भूपेन्द्र यादव

 

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा श्रम एवं रोजगार मंत्री श्री भूपेन्द्र यादव का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी की ‘सबके साथ’ की जो कल्पना है उसमें समाज के वर्ग आपस में संघर्षात्मक नहीं, बल्कि सहयोगात्मक रूप से कार्य करते हैं। श्री यादव का कहना है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए वैश्विक पहल कर रहे हैं।
पिछले दिनों नई दिल्ली स्थित पर्यावरण भवन में श्री भूपेन्द्र यादव से ‘कमल संदेश’ के सह संपादक संजीव कुमार सिन्हा एवं राम प्रसाद त्रिपाठी ने बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश–

मोदी सरकार ने पिछड़ा वर्ग समुदाय के हित में अनेक निर्णय लिये हैं। पूर्व में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। वहीं, हाल ही में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण प्रदान करने के फैसले किए। इन निर्णयों के क्या दूरगामी परिणाम होंगे?

भारतीय जनता पार्टी की सरकार ‘सबका साथ–सबका विकास’ में विश्वास रखती है। हमारी ‘सबके साथ’ की जो कल्पना है उसमें आपस में संघर्षात्मक नहीं, बल्कि समाज का एक वर्ग दूसरे वर्ग से पूरक मिलकर विकास का कार्य करता है। भारत में लंबे समय से पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की मांग चली आ रही थी, जिसको पूरा करने का कार्य प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हुआ। सामाजिक स्तर पर सहभागिता बढ़ाने के लिए केंद्रीय विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए आरक्षण, नीट की परीक्षा में आरक्षण, विश्वविद्यालयों में प्राध्यापक और सिंगल पदों के लिए भी आरक्षण की व्यवस्था को लागू किया गया। इसके साथ ही आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिए भी 10 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है।

हमारी पार्टी की स्पष्ट मान्यता है कि संविधान के अंतर्गत दिए गए प्रावधानों का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे और भारत के संविधान की प्रस्तावना में जो सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय की बात कही गई है, वह भी पूरा हो।

• पिछले महीने ब्रिक्स-2021 की पर्यावरण मंत्री स्तर की 7वीं बैठक संपन्न हुई। ब्रिक्स देशों के पर्यावरण मंत्रियों ने पर्यावरण पर ‘नई दिल्ली वक्तव्य’ को अपनाया। इस संबंध में बताइए।

दुनिया भर में पर्यावरण को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं। विभिन्न देशों के बीच ‘पेरिस समझौता’ भी हुआ। जलवायु परिवर्तन पर आईपीसीसी की एक महत्त्वपूर्ण रिपोर्ट है, जिसके अंतर्गत यह कहा गया है कि दुनिया में जलवायु परिवर्तन हो रहा है, पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है, अनेक प्रकार के सूखे, वायु परिवर्तन, समुद्र के स्तर में वृद्धि, ग्लेशियर का पिघलना, जैसी चुनौतियां उत्पन्न हो रही हैं। इन सब विषयों को ब्रिक्स की बैठक में उठाया गया था। इसके बाद विभिन्न द्विपक्षीय और बहुपक्षीय विषयों पर भारत सरकार की वार्ता चल रही है। जहां तक भारत का सवाल है प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत में एनडीसी के लक्ष्यों को पूरा किया गया है, इसके साथ ही दुनिया में वैकल्पिक ऊर्जा के लिए भारत ने उल्लेखनीय प्रयास किए हैं। भारत की वर्तमान ऊर्जा की प्राथमिक क्षमता का 36 प्रतिशत अब वैकल्पिक नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से उपलब्ध हो रहा है। भारत में 450 गीगावाट ऊर्जा का लक्ष्य 2030 तक का रखा है, जिसमें 165 गीगावाट प्राप्त भी किया गया है। भारत का लक्ष्य महत्त्वाकांक्षी अवश्य है लेकिन जलवायु परिवर्तन को लेकर जिस तरह की बात चलती है, उस पर भारत में सक्रियता से प्रयास किया गया है। यही कारण है कि ब्रिक्स सम्मेलन में भी भारत का इस विषय पर पूरी तरह से ध्यान गया। भारत का यह मानना है कि पेरिस समझौते के अतिरिक्त दो विषय हैं–विकासशील देशों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए विकसित देश आगे आएं और दूसरा स्वच्छ टेक्नॉलॉजी का ट्रांसफर हो, इन दोनों विषयों को भी भारत ने वैश्विक मंच पर समय-समय पर उठाया।

• भारत सरकार ने लॉकडाउन के दौरान वन और वन्यजीव संरक्षण को ‘आवश्यक सेवाओं’ के रूप में वर्गीकृत करने के लिए एक सक्रिय कदम उठाया। बाघ संरक्षण की दिशा में किए जा रहे प्रयास के बारे में बताएं।

हमारी सरकार पूरी तरह से वन और वन्य जीवों के संरक्षण को लेकर समर्पित है। भारत में इस समय लगभग 25 प्रतिशत वनावरण क्षेत्र है। हमारा यह मानना है कि वन प्रतिशत बढ़ना चाहिए। वन और वृक्ष आच्छादन भी बढ़ना चाहिए। इन सारे विषयों को देखते हुए सरकार द्वारा विशेष प्रयास भी किए जा रहे हैं। देश में इस समय 52 बाघ अभयारण्य हैं और इसमें से 14 बाघ अभयारण्यों को वैश्विक मान्यता भी प्राप्त हुई है। बाघ अभयारण्यों का ज्यादा संरक्षण हो, इसको लेकर सरकार पूरी तरह से कार्य कर रही है। इसके साथ जितनी भी लुप्तप्राय प्रजातियां और समुद्री क्षेत्र हैं, उसको लेकर सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है। पिछले सात वर्षों में मोदीजी के नेतृत्व में देश में वनक्षेत्र बढ़ा है। दो सौ नगर-वन विकसित िकए जा रहे हैं, ताकि सब लोगों को स्वस्थ रहने में सहूलियत हो।

• भारत की चार और वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) को रामसर सचिवालय से रामसर स्थलों के रूप में मान्यता मिल गई है। यह वैश्विक जैविक विविधता को संरक्षित करने की दृष्टि से कितना महत्त्वपूर्ण है?

निश्चित रूप से भारत के पास वेटलैंड्स की प्राथमिक क्षमता है। जैविक विविधता की दृष्टि से भी भारत अनुपम है। हमारे चार और वेटलैंड्स को मान्यता मिली है। वेटलैंड्स के लिए हमने विशेष रूप से एक वेबसाइट बनाई है। हमारा यह मानना है कि वेटलैंड हमारे प्रवासी पक्षी के लिए भी एक आश्रय स्थल बनते हैं। तापमान एवं अन्य विषयों पर भी ध्यान दिया जा रहा है। भारत के पास जो प्राकृतिक संपदा है यह पूरी तरीके से सुरक्षित रहे, इसके लिए सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

• जलवायु परिवर्तन वैश्विक चिंता का कारण बना हुआ है। इससे निपटने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत द्वारा वैश्विक पहल की गई। पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा करने में भारत किस दिशा में आगे बढ़ रहा है?

पेरिस समझौते के लक्ष्य को पूरा करने के लिए भारत दुनिया का वह देश है जिसने अपने एनडीसी के लक्ष्यों को प्राप्त किया है। मैंने पूर्व में भी कहा है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत ने दुनिया को प्रेरित करनेवाला अन्तरराष्ट्रीय सौर गठबन्धन बनाया। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर दुनिया के लगभग 91 से ज्यादा देश इसके सदस्य बन गए हैं। भारत सरकार ने आठ से ज्यादा मंत्रालयों को इकट्ठा करके भूमि को मरुस्थली करने के विशेष कार्य को हाथ में लिया है। इसलिए वैकल्पिक ऊर्जा को आगे बढ़ाना और साथ ही भारत की वन्य संपदा को बढ़ाने के लिए सरकार पूरी तरीके से प्रतिबद्ध है। जलवायु परिवर्तन से निपटने को लेकर प्रधानमंत्रीजी द्वारा समय-समय पर जो दिशानिर्देश दिए जाते हैं, उसका पूरी तरीके से पालन किया जाता है।

• पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा ई-श्रम पोर्टल का शुभारंभ किया गया। इससे देश में असंगठित कामगारों को किस प्रकार की मदद मिलेगी?

देश के विभिन्न श्रमिक कानूनों को एक करके हम चार श्रमिक कोड लेकर आए हैं। उन चार श्रमिक कोडों में सामाजिक सुरक्षा कोड, आॅक्यूपेशनल सेफ्टी कोड, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड और वेजेज कोड हैं। सामाजिक सुरक्षा कोड में इस बात का प्रावधान किया गया है कि असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का एक डाटा बनना चाहिए। इसके साथ ही सेक्शन 142 में सामाजिक सुरक्षा कोड भी बनाने की बात की गई है।

इन सारे विषयों को देखते हुए देश में अलग-अलग सेक्टर का एक डाटा बनना चाहिए, इस पर सक्रियता से कार्य प्रारंभ हुआ है। हमारे लिए संतोष का विषय है कि शुरू के ही 20 दिनों में इसकी संख्या 1 करोड़ पहुंच गई है। निश्चित रूप से सामाजिक सुरक्षा के विषय को आगे ले जाने में यह पोर्टल महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

Thursday, 2 September 2021

देश के राजनीतिक इतिहास में अपनी तरह की पहली ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ : तरुण चुघ

 

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री श्री तरुण चुघ अपने संगठनात्मक कौशल के लिए जाने जाते हैं। वे पूर्व में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् में विभिन्न दायित्वों और तत्पश्चात् भाजपा राष्ट्रीय मंत्री के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं।

‘कमल संदेश’ के सह संपादक संजीव कुमार सिन्हा और राम प्रसाद त्रिपाठी के साथ एक विशेष साक्षात्कार में श्री चुघ ने ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ की भव्य योजना के पीछे के विचार और इसकी उल्लेखनीय सफलता के बारे में चर्चा की। ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के राष्ट्रीय प्रभारी श्री चुघ का कहना है कि अन्य दलों के शासन के दौरान लोगों को सरकार के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री जनता के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। भाजपा सरकार एवं अन्य सरकारों के बीच यही अंतर है। प्रस्तुत है इस बातचीत के प्रमुख अंश :

• सबसे पहले हम आपको देश के विभिन्न राज्यों में भाजपा द्वारा आयोजित ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ की अपार सफलता के लिए बधाई देते हैं। यात्रा के राष्ट्रीय प्रभारी के रूप में इस भव्य कार्यक्रम और इसके पीछे के विचार के बारे में हमें बताइए।

केंद्र सरकार में नए मंत्रियों के शामिल होने के बाद माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्थापित और मान्य लोकतांत्रिक परंपरा के अनुसार संसद के दोनों सदनों में अपने नए सदस्यों का परिचय देना चाहा। लेकिन विपक्ष ने प्रधानमंत्री को ऐसा करने में अवरोध उत्पन्न किया।

सुविदित है कि मोदी सरकार का वर्तमान मंत्रिपरिषद् स्वतंत्र भारत के इतिहास में सबसे समावेशी है, जहां विभिन्न जातियों, पंथ, भाषा, धर्म, वर्ग, लिंग, आयु समूह और सामाजिक समूह के लोगों का प्रतिनिधित्व है। विपक्ष ने इस परंपरा को तोड़कर पिछड़े वर्गों, महिलाओं और अन्य हाशिए के वर्गों के प्रतिनिधियों के प्रति उपेक्षा दिखाई। यह इस देश की जनता और संसदीय लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान है।

तब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नए मंत्रियों को नए तरीके से लोगों से परिचित कराने का निर्णय लिया। नए शामिल किए गए मंत्रियों के लिए लोगों तक पहुंचने और सरकार के प्रतिनिधियों के रूप में उनसे मिलने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है?

मोदी सरकार की हर योजना के केंद्र में हमारे गांव, गरीब, दलित, वंचित, पिछड़ा वर्ग, युवा और महिलाएं हैं। मोदी सरकार की प्रतिबद्धता और मंत्र है- ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’। हमारा विश्वास भारत के सर्वांगीण विकास को बढ़ावा देना है। इसलिए हमारे मंत्रीगण पिछले सात वर्षों में मोदी सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों का संदेश फैलाने के लिए देश के कोने-कोने का दौरा कर रहे हैं और यही इस भव्य कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

• कृपया ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के बारे में हमें विस्तार से बताएं।

समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचने के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय के अनुसार, ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ 16 अगस्त, 2021 से शुरू हुई और 14 दिनों के बाद समाप्त हुई।

यात्रा के दौरान नए शामिल 39 केंद्रीय मंत्री अपने-अपने राज्यों में गए, सीधे नागरिकों से जुड़े और उनका आशीर्वाद लिया।

‘जन आशीर्वाद यात्रा’ ने 22 राज्यों की 212 लोकसभा सीटों के लगभग 24,173 किलोमीटर और 265 जिलों को कवर किया। 14 दिनों के दौरान 5,035 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और लगभग 25 लाख लोगों ने सीधे यात्रा में भाग लिया।

आमतौर पर यात्राएं चुनाव-अभियान के उद्देश्य से या किसी राजनीतिक कार्यक्रम के लिए या किसी मुद्दे के विरोध में आयोजित की जाती हैं। लेकिन, यहां इस यात्रा का उद्देश्य बिल्कुल अलग था। यह किसी राजनीतिक मुद्दे या चुनावों पर केंद्रित नहीं थी।

क्या आपने कभी भारत के राजनीतिक इतिहास में सुना है कि सरकार में शामिल होने वाले मंत्री नागरिकों की समस्याओं को जानने और समझने के लिए सीधे लोगों से जुड़ रहे हैं? हम जानते हैं कि एक बार चुने गए नेता अपने निर्वाचन क्षेत्रों में या लोगों के साथ बहुत कम दिखाई देते हैं। हालांकि, नए शामिल किए गए मंत्रियों को जनता से सीधे जुड़ने और उनकी समस्याओं को समझना इस कार्यक्रम के पीछे का प्रमुख उद्देश्य था। यात्रा, योजना के अनुसार चली और केंद्रीय मंत्रियों को देश के लाखों नागरिकों का आशीर्वाद मिला।

‘जन आशीर्वाद यात्रा’ 16 अगस्त, 2021 से शुरू हुई और 14 दिनों के बाद समाप्त हुई
• यात्रा के दौरान नए शामिल 39 केंद्रीय मंत्री अपने-अपने राज्यों में गए, सीधे नागरिकों से जुड़े और उनका आशीर्वाद लिया
• ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ ने 22 राज्यों की 212 लोकसभा सीटों के लगभग 24,173 किलोमीटर और 265 जिलों को कवर किया
• 14 दिनों के दौरान 5,035 से अधिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया और लगभग 25 लाख लोगों ने सीधे यात्रा में भाग लिया
• ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ की सफलता का पूरा श्रेय भारत की जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियों, देश के सर्वांगीण विकास की उनकी प्रतिबद्धता और इस यात्रा के लिए संगठन-शिल्पी श्री जगत प्रकाश नड्डा की बेहतर योजना को जाता है

• जन आशीर्वाद यात्रा को लेकर जनता का कैसा प्रतिसाद रहा?

‘जन आशीर्वाद यात्रा’ बेहद सफल रही। जनसंपर्क का यह रूप भारत के इतिहास में पहली बार देखा गया है। राज्यों में भारत के लोगों ने नए मंत्रियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और देश के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्ववाली भारतीय जनता पार्टी सरकार की सराहना की।

जैसा कि मैंने उल्लेख किया है, लगभग 5000 कार्यक्रम आयोजित किए गए थे और ये सभी कार्यक्रम सभी क्षेत्रों के लोगों की भागीदारी के साथ अत्यधिक सफल रहे।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा के मार्गदर्शन में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री एम.चुबा एओ, राष्ट्रीय सचिव सर्वश्री विनोद सोनकर, सत्य कुमार, सुनील देवधर, अरविंद मेनन एवं श्रीमती पंकजा मुंडे शामिल थे। इस टीम ने यात्रा को सफल बनाने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ की सफलता का पूरा श्रेय भारत की जनता प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपलब्धियों, देश के सर्वांगीण विकास की उनकी प्रतिबद्धता और इस यात्रा के लिए संगठन-शिल्पी श्री जगत प्रकाश नड्डा की बेहतर योजना को जाता है।

• देश के हर हिस्से में भाजपा संगठन विस्तार के लिए ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ कितनी महत्वपूर्ण रही?

‘जन धन योजना’, ‘स्वच्छ भारत’, ‘उज्ज्वला’, ‘आवास योजना’ और सैकड़ों अन्य सामाजिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से प्रधानमंत्री हमारे समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, विशेष रूप से उन लोगों को लाभ पहुंचाया जा रहा है जो विकास की दौड़ में पीछे छूट गए है या देश के सबसे वंचित वर्ग से आते हैं।

दूसरी बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जगत प्रकाश नड्डा के कुशल नेतृत्व में पार्टी हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए पूरे संगठन को इसमें शामिल करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिए भाजपा विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लगातार इन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए जनता में जागरूकता पैदा कर रही है।

अंत में, अन्य दलों के शासन के दौरान लोगों को सरकार के पास जाना पड़ता था, लेकिन अब मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री जनता के दरवाजे तक पहुंच रहे हैं। भाजपा सरकार एवं अन्य सरकारों के बीच यही अंतर है। यही कारण है कि सरकार एवं पार्टी दोनों को सभी वर्गों के लोगों का पूरे दिल से आशीर्वाद मिल रहा है और ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ ने इस तथ्य को प्रमाणित किया है।