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Friday, 21 January 2022

उत्तराखंड में भाजपा सरकार में सभी मोर्चों पर विकास हुआ है : दुष्यंत गौतम

 

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव-प्रचार जोरों पर है। यहां 70 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को मतदान संपन्न होना है। इसी संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रदेश भाजपा प्रभारी श्री दुष्यंत गौतम से कमल संदेश के सह संपादक संजीव कुमार सिन्हा एवं डिजिटल मीडिया सदस्य विपुल शर्मा ने बातचीत की। श्री गौतम का कहना है कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार में सभी मोर्चों पर विकास हुआ है। उन्होंने अपने वक्तव्य में राज्य सरकार द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पर्यटन, कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में किए गए विकास कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भाजपा केवल चुनाव के समय में नहीं, अपितु निरंतर कार्य करनेवाला राजनीतिक संगठन है, जबकि कांग्रेस केवल चुनाव के समय दिखती है। उत्तराखंड के अंदर भाजपा भारी बहुमत से विजयी होगी और ‘अबकी बार-साठ पार, फिर भाजपा सरकार’ का हमारा संकल्प साकार होगा। प्रस्तुत हैं बातचीत के मुख्यांश :

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा की क्या तैयारी है?

भारतीय जनता पार्टी एक ऐसा राजनीतिक दल है जो चुनावों के लिए विशेष रूप से कभी भी तैयारी नहीं करता है। वो निरंतर सेवाभाव से काम करता है। जनसंघ के समय से लेकर अभी भाजपा तक, देशसेवा और समाजसेवा के लक्ष्य को लेकर हम काम कर रहे हैं। जब भी कोई आपदा आती है, उससे बचाना हमारा संकल्प है। वर्तमान में कोरोना काल में हम ‘सेवा ही संगठन’, ‘सेवा ही समर्पण’ जैसे अभियान के माध्यम से सक्रिय हैं। इसलिए राजनीति में होते हुए भी हमें चुनाव के लिए कोई विशेष तैयारी नहीं करनी होती है। हम उतनी ही तैयारी करते हैं, जैसे परीक्षा के समय बच्चे को ज्यादा काम करना पड़ता है। यह सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जैसा नेतृत्व हमारे पास है, जो अपने अनुभवों, संकल्पों और समर्पण से हमें एक दिशा देते रहते हैं और हमें जागृत करते रहते हैं।

उत्तराखंड में भाजपा सरकार है। इस सरकार की प्रमुख उपलब्धियां क्या हैं?

उत्तराखंड में भाजपा सरकार में सभी मोर्चों पर विकास हुआ है। महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। बहनों और महिलाओं को बराबर का अधिकार मिले, इसलिए उनको संपत्ति में हक हो, यह बहुत बड़ा कार्य किया गया है। घास काटने के लिए हमारी माताएं-बहनें बाहर जाया करती थीं, जिसके कारण जानवरों का भी शिकार हो जाया करती थीं। आज हम उन्हें ढाई किलो रुपए के अंदर घास दे रहे हैं। हमने गैस के कनेक्शन देकर उन्हें धुएं से बचाने का काम किया है। शौचालय देकर उनका मान बढ़ाया है।

पूरे देश के अंदर गरीबी रेखा के नीचे आयुष्मान कार्ड बांटा जाता है, लेकिन उत्तराखंड के अंदर सौ प्रतिशत लोगों को आयुष्मान कार्ड देने की बात की गई है। राज्य में सौ प्रतिशत टीकाकरण हुआ है। मुफ्त टीकाकरण के साथ-साथ बजट में हमने इस बार वृद्धि की है। ऑक्सीजन प्लांट हमने हर जगह शत-प्रतिशत स्थापित कर दी है। इसका स्तर बढ़ा है। ऋषिकेश को हम मेडिकल हब की तरह डेवलप कर रहे हैं। राज्य में कोई जिला ऐसा नहीं है जहां अस्प‍ताल न हो। चिकित्सकों की संख्या में हमने वृद्धि की है। मेडिकल इंटर्न सहायता की राशि जो साढ़े सात हजार रुपए हुआ करती थी, उसको बढ़ाकर साढ़े सत्रह हजार रुपए किया है।

उत्तराखंड देवभूमि है। चार धाम ऑल वेदर रोड की व्यवस्था हुई है। उत्तराखंड के लगभग हर परिवार से लोग सेना के अंदर जाते हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शिता से आज वहां पर एक और धाम जुड़ गया है। सैन्यधाम पांचवें धाम के रूप में माना जाएगा। सैनिकों के विश्राम गृहों का हमने निर्माण किया है। एक सैनिक का बेटा आज राज्य का मुख्यमंत्री है।

हमने नई पर्यटन नीति बनाई है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है। चंडीदेवी, सुरकंडादेवी मंदिर को भव्यता प्रदान की है। मसूरी रोपवे का निर्माण किया है। फिल्मों के अनुकूल उसको बनाने का काम किया है।

हमने एक रुपया में नल और नल में स्वच्छ जल की व्यवस्था की है। जिनके पास छत नहीं है उनके लिए मकान की व्यवस्था हुई है। कृषि बजट की बात करें तो सबसे ज्या‍दा बजट वहां किसानों के लिए रखा गया है। जंगली जानवरों से सुरक्षा की है। प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना देने की बात हमने कही है।
युवाओं के लिए हमने नई सरकारी नौकरियां खोली हैं। हाल ही में विभिन्न विभागों में 24 हजार नौकरियां निकाली हैं। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के माध्यम से हम बिना गारंटी के ऋण दे रहे हैं। स्वरोजगार के लिए वीर चंद्र गढ़वाली योजना प्रारंभ किया है। नई स्टार्ट अप नीति बनाई है। डबल इंजन की सरकार का क्या फायदा होता है यह इससे पता चलता है कि हम पहाड़ों के अंदर रेल का निर्माण कर रहे हैं। जो पांच-पांच घंटे के रास्ते थे उनको एक-एक घंटे में तब्दील करने का काम कर रहे हैं।

शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए हमने नए कॉलेज खोले हैं। स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा दी है। उदयमान छात्र योजना बनाई है। अटल उत्कर्ष विद्यालय खोले हैं। विश्वविद्यालयों में हम फ्री वाई-फाई की सुविधा हम दे रहे हैं। मिड डे मील योजना को गुणवत्तापूर्ण ढंग से लागू किया है।

इसके साथ ही, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, नमामि गंगे योजना, उड़ान योजना, उत्तराखंड राज्य ग्रामीण आजीविका, वाटर शेड विकास कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना, स्वामित्व योजना, पशु नस्ल सुधार, श्रम उद्योग, मत्स्य पालन, गोपालन, पशुपालन, बकरी पालन जैसी अनेक योजनाओं को मूर्त रूप देकर भाजपा सरकार ने उत्तराखंड का चहुंमुखी विकास किया है। इसलिए हम आज दावे से कह सकते हैं कि हमने लोगों के दिलों में जगह बनाई है।

पूर्व की कांग्रेस सरकार और वर्तमान भाजपा सरकार में क्या अंतर है?

सबसे बड़ा अंतर है कि उत्तराखंड राज्य का सपना श्रद्धेय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने साकार किया। प्रदेश की भाजपा सरकार ने सबके मन में अपनी जगह बनाई है। आज की तारीख में आप कहीं भी राज्य में जाएंगे तो आपको भाजपा सरकार के विरुद्ध कुछ दिखाई नहीं देगा। वहां पर सारा पॉजिटिव ही दिखाई देता है। कांग्रेस ने स्वीकार किया है कि उसके शासन के अंदर वे जब 100 रुपए भेजते थे तो 15 रुपए ही जाते थे यानी 85 प्रतिशत खा जाया करते थे। जबकि हमने जन-जन के खाते खुलवाए हैं। उनके खाते में सरकार की धनराशि सीधे भेज दी जाती है। हम सरकार के पैसे का पारदर्शिता के साथ उपयोग करते हैं।

पहले जो भी सरकारें हुआ करती थीं उसमें ये होता था कि इस जाति को ये दे दो, इस धर्म के लोगों को ये दे दो। लेकिन हमने इस दृष्टि से काम किया है कि प्रत्येक व्यक्ति को सरकार की योजनाओं का लाभ मिले। हम ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ इस ध्येय से काम कर रहे हैं।

कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार ने प्रदेश की जनता को विकास के नाम पर छला है।

कांग्रेस विपक्ष में है। ये सामान्य बातें हैं, जो विपक्ष को कहनी ही कहनी है। यहां भी कहेंगे वो अन्य राज्य में भी यही भाषा बोलेंगे। उनके पास कोई मुद्दा ही नहीं है बोलने के लिए। हम पूछते हैं कि क्योंं विपक्ष साढ़े चार साल के अंदर हमारे विरोध में कभी भी कोई आंदोलन नहीं कर पाया। चुनाव के समय दो-तीन महीने से वो बाहर निकलकर आ रहे हैं, लेकिन जनता ने उनको स्वीकार नहीं किया है। हम ‘एक साल बेमिसाल’, हर साल अपना जो कार्य है उसको जनता के बीच में ले जाते हैं। उनसे मापदंड पूछते हैं। फिर हम लगातार सुधार करते रहते हैं। विपक्ष राज्य में बिखरा-बिखरा दिखाई देता है। उत्तराखंड के अंदर भारतीय जनता पार्टी भारी बहुमत से विजयी हो रही है। अबकी बार-साठ पार, फिर भाजपा सरकार।

Thursday, 20 January 2022

यह छात्रवृत्ति अनुसूचित जाति के पोस्ट मैट्रिक छात्रों के लिए सुरक्षा कवच है

 भारतीय जनता पार्टी, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री लाल सिंह आर्य से ‘अनुसूचित जाति के पोस्ट मैट्रिक छात्रों के लिए छात्रवृत्ति’ मुद्दे पर कमल संदेश के सह संपादक संजीव सिन्हा ने बातचीत की, जिसके प्रमुख अंश यहां प्रस्तुत हैं :      

देश में 1944 से अनुसूचित जाति के पोस्ट मैट्रिक बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना चालू थी। आजादी के बाद से अभी तक आवश्यक रुपए की व्यवस्था नहीं थी। इस छात्रवृत्ति में कुछ अनियमितताएं भी थीं। कम राशि होने के कारण छात्रों को यदि कुछ नए इंस्ट्रूमेंट लेना है, कुछ टेक्नाॅलोजी से जुड़ना है तो नहीं जुड़ पाते थे। राज्य सरकार समय पर पैसा नहीं भेजती थी इन छात्रों को, तो उनको जो भी साधन पढ़ने के लिए खरीदने थे तो वो उससे वंचित रहते थे। इस कारण से बच्चे कहीं न कहीं विद्यालय छोड़ते थे। ऐसी संख्या करोड़ों में है।

पहली बार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री श्री थावरचंद गहलोत एवं उनकी टीम ने एक अध्ययन किया कि आखिर अनुसूचित जाति के पोस्ट मैट्रिक बच्चे जो विद्यालय छोड़ रहे हैं, वो विद्यालय कैसे आएं, उनको पढ़ाई के साधन कैसे मिले, पारदर्शी व्यवस्था कैसे हो, इस संबंध में कैबिनेट की बैठक में निर्णय हुआ कि आनेवाले पांच वर्षों की योजना बनाई जाए और उन योजनाओं के तहत इस राशि को कई गुना बढ़ाकर 59 हजार करोड़ रुपए पांच साल में केंद्र सरकार खर्च करेगी। छात्रों का रजिस्ट्रेशन होगा, राज्य में उनके बैंक में खाते खुलेंगे और एक क्लिक से उन छात्रों के खाते में केंद्र सरकार पैसे डालेगी, तो एक पारदर्शी व्यवस्था हो गई।
इस छात्रवृत्ति में छात्रों को लैपटाॅप लेना है, रहने की, खाने की ये सारी व्यवस्थाएं कहीं न कहीं हैं। एक बड़ी चीज इसमें और की गई है कि पहले 60 लाख बच्चे ही लाभान्वित हो रहे थे, अब इससे प्रतिवर्ष चार करोड़ बच्चे लाभान्वित होंगे। एक करोड़ 36 लाख ऐसे बच्चे जो विद्यालय छोड़ गए हैं, उनके लिए सरकार घर-घर चलने का अभियान चलाएगी। उन बच्चों के परिवार और उनके बीच में जाना और उनसे आग्रह करना कि चलिए, आप दोबारा नामांकन करा लीजिए। तो सरकार का ऐसा अनुमान है कि कुल 36 लाख बच्चे पांच साल में पुनः विद्यालय में लौटेंगे। यह कहा जा सकता है कि बाबा साहेब अंबेडकर और दीनदयाल उपाध्याय जी के सपनों को अगर ईमानदारी से कोई पूरा कर रहा है तो नरेन्द्र मोदी जी की सरकार कर रही है।

कांग्रेस 57 वर्ष हिंदुस्तान में सत्ता में रही, उसके कई प्रधानमंत्री रहे, राज्यों में अनेक वर्षों तक उसके कई मुख्यमंत्री रहे, जो नरेन्द्र मोदी जी ने सोचा है, वो कांग्रेस ने क्यों नहीं सोचा? अगर कांग्रेस ने ईमानदारी से पोस्ट मैट्रिक छात्रों के लिए सोच लिया होता तो ड्राॅपआउट होता ही नहीं, बच्चे विद्यालय छोड़ते ही नहीं, नए बच्चे और आते। नरेन्द्र मोदी जी का जो ये निर्णय है, वह बहुत ऐतिहासिक है, बहुत पारदर्शी है और अनुसूचित जाति के पाेस्ट मैट्रिक छात्रों के लिए सुरक्षा कवच है।