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Friday, 31 August 2007

नरेन्द्र मोदी का विकास कार्य प्रशंसनीय हैं-महाश्वेता देवी



पश्चिम बंगाल की प्रसिध्द लेखिका महाश्वेता देवी का मानना है कि बुध्दिजीवियों के बीच वामपंथी मोर्चा जिस प्रकार से अलग-थलग पड़ता जा रहा है, उससे पता चलता है कि पश्चिम बंगाल में अपने 30 वर्ष के शासन के बाद भी उसने वहां कुछ भी तो नहीं किया है।

नई दिल्ली में आयोजित नौंवे डी.एस. बोर्कर स्मृति व्याख्यान में 'माई विजन ऑफ इण्डिया: 2047 एडी' विषय पर भाषण देते हुए महाश्वेता देवी ने पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकार को विकास का कोई भी कार्य न कर पाने के लिए निकम्मा ठहराया और नरेन्द्र मोदी की गुजरात सरकार द्वारा जमीनी स्तर से विकास कार्य को बहुत ऊंचाई तक ले जाने के लिए प्रशंसा की।

उन्होंने कहा कि मैं इस बात से अत्यंत प्रभावित हुई हूं कि गुजरात में कार्य-संस्कृति अत्यंत सुदृढ अवस्था में पहुंच गई है। शहरी और गांव की सड़कें बहुत अच्छी बनी हुई हैं, यहां तक कि दूर-दराज के गांवों तक में भी बिजली और पेयजल उपलब्ध है। मैं विशेष रूप से पंचायतों और स्थानीय स्तर पर बने स्वास्थ्य केन्द्रों में प्राप्त डाक्टरी सुविधाओं से बहुत प्रभावित हुई हूं। यहां की स्थिति पश्चिम बंगाल जैसी नहीं है, जहां अब तक भी गांवों और पंचायती क्षेत्रों में कहीं भी बिजली के दर्शन तक नहीं हो पाते है और सरकार की तथाकथित स्वास्थ्य परिसेवा कहीं दिखाई नहीं पड़ती है। महाश्वेता देवी ने आगे कहा कि पश्चिम बंगाल में 30 वर्षों से सीपीआई(एम) की वामपंथी सरकार का शासन चल रहा है, फिर भी वहां कोई उपलब्धि दिखाई नहीं पड़ती है। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिम बंगाल में भूखमरी से होने वाली मौतें और बाल मृत्यु दर का दौर-दौरा है।

महाश्वेता देवी ने कहा कि मैंने इतिहास, लोक-संगीत और लोक-कहावतों की पुस्तकें पढ़ी है। जरूरत इस बात की है कि गांवों का दौरा किया जाए और ग्रामवासियों से मिला जाए। शायद मैंने इसी प्रकार भारत को जानना शुरू किया। आज 82 वर्ष की आयु में भी नन्दीग्राम का दौरा कर मैं यही कर रही हूं।

4 comments:

संजय बेंगाणी said...

क्या सचमुच महाश्वेता देवी ने महान धर्म-निरपेक्ष, गैर-पूंजी वादी, प्रजावत्सल, देश हितचिंतक, बंगाल की वाम सरकार के बारे में ऐसा कहा? !!!

लगता है ये हिन्दुत्ववादी, मोदी-भक्त हो गई है :)

संजीव कुमार सिन्‍हा said...

नई दिल्ली में आयोजित नौंवे डी.एस. बोर्कर स्मृति व्याख्यान में 'माई विजन ऑफ इण्डिया: 2047 एडी' विषय पर भाषण देते हुए महाश्वेता देवी ने पश्चिम बंगाल की वामपंथी सरकार को विकास का कोई भी कार्य न कर पाने के लिए निकम्मा ठहराया और नरेन्द्र मोदी की गुजरात सरकार द्वारा जमीनी स्तर से विकास कार्य को बहुत ऊंचाई तक ले जाने के लिए प्रशंसा की।

यह समाचार The Pioneer http://www.castreal.com/cgi-bin/news/news.cgi?dest=/click/here.pl?x1076282754 में 26 अगस्त, 2007 को प्रकाशित हुआ हैं।

Batangad said...

महाश्वेता देवी के ये विचार अद्भुत हैं। नरेंद्र मोदी के लिए इस तरह के विचार गुजरात चुनाव के ठीक पहले संजीवनी का काम कर सकते हैं।

Shaktistambh said...

महाश्वेता देवी जैसे प्रखर लेखिका के विचार पढ़कर ऐसा लगा कि वह उन बुध्दिजीवियों से बिलकुल अलग हैं जो यथार्थ से आंखें मूंदकर गुजरात के मुख्यमन्त्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करना पसन्द करते हैं क्योंकि यह आजकल ग्राह्य है और फैश्नेबल भी। आज तक साम्यवादी झूठी प्रॉपेगण्डा की ही मौज लूटते आ रहे हैं। पर लगता है कि अब महाश्वेता देवी जैसे लेखक-लेखिकायें यथार्थ से रूबरू होने लगी हैं और वह दिन दूर नहीं जब जनता के मन से भी झूठ का पर्दा हट जायेगा और लोग सच को सच देखने लगेंगे।

अगले विधान सभा तथा लोक सभा चुनाव तक लगता है कि मतदाता असलियत जानने लगेंगे और तब यह साम्यवादियों के लिये परीक्षा और यथार्थ से जूझने की घड़ी होगी।