संजीव जी नमस्कार! कुछ दिनों से मेरे मन में एक विचार आ रहा था, मैं इसका उत्तर ढूंढ ही रहा था कि ''जय हो कांग्रेस की या जनता की'' इस वीडियो को मैंने देखा। मैं अपने मन की बात बता रहा हूँ, वस्तुत: जब मैं टी0वी0 चैनलों में जय हो वीडियो सुनता हूँ तो मेरा मन द्रवित हो उठता है, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आखिर जय किसकी हो इस देश के लाखों-करोड़ों वे भूखे लोग जिन्हें हर रोज रात में भूखा सोना पड़ता है, या जो लाखों किसान आत्महत्या कर रहे हैं उनकी जय हो या बंद मिल में उस नाबालिक लड़के की जय हो जो कुछ पैसे के लिए या कहूँ अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए उसमें काम करने के लिए मजबूर हैं। संजीव जी, इस लोकसभा चुनाव में सभी नेता अपने घोषणा-पत्र तैयार कर रहे हैं, क्या इसमें किसी भी ने अमरनाथ मुद्दा, बढ़ती महंगाई, विकास, नक्सलवाद की जड़ में जाना, काला धन इत्यादि किसी का भी नाम तक नहीं लिया है। सच कहूँ तो मैं इस देश के प्रधानमंत्री पद पर एक ऐसे व्यक्ति को देखना चाहता हूँ जो सभी तरह के निर्णय लेने में तत्परता बरते।
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संजीव जी नमस्कार!
कुछ दिनों से मेरे मन में एक विचार आ रहा था, मैं इसका उत्तर ढूंढ ही रहा था कि ''जय हो कांग्रेस की या जनता की'' इस वीडियो को मैंने देखा। मैं अपने मन की बात बता रहा हूँ, वस्तुत: जब मैं टी0वी0 चैनलों में जय हो वीडियो सुनता हूँ तो मेरा मन द्रवित हो उठता है, मैं आपसे पूछना चाहता हूँ कि आखिर जय किसकी हो इस देश के लाखों-करोड़ों वे भूखे लोग जिन्हें हर रोज रात में भूखा सोना पड़ता है, या जो लाखों किसान आत्महत्या कर रहे हैं उनकी जय हो या बंद मिल में उस नाबालिक लड़के की जय हो जो कुछ पैसे के लिए या कहूँ अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए उसमें काम करने के लिए मजबूर हैं। संजीव जी, इस लोकसभा चुनाव में सभी नेता अपने घोषणा-पत्र तैयार कर रहे हैं, क्या इसमें किसी भी ने अमरनाथ मुद्दा, बढ़ती महंगाई, विकास, नक्सलवाद की जड़ में जाना, काला धन इत्यादि किसी का भी नाम तक नहीं लिया है। सच कहूँ तो मैं इस देश के प्रधानमंत्री पद पर एक ऐसे व्यक्ति को देखना चाहता हूँ जो सभी तरह के निर्णय लेने में तत्परता बरते।
सौरभ त्रिपाठी
तात्कालिक स्वार्थो को लेकर हो रही राजनीति ,वास्तव मै खेद जनक है !
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