भ्रष्टाचार और पुत्र-पुत्रीवाद मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी में चरम पर हैं। माकपा भ्रष्टाचार के दलदल में डूबती जा रही हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ज्योति बसु द्वारा सारे नियमों को ताक पर रखते हुए अपने पुत्र चंदन बसु को पूंजीपति बनाने की भ्रष्ट-कथा तो जगजाहिर ही हैं अब केरल के मुख्यमंत्री अच्युतानंदन ने भी अनियमिता बरतते हुए अपनी पुत्री वी. वी. आशा को शोध अनुदान के नाम पर 35 लाख रुपए की धनराशि आवंटित कर दी। तथाकथित सर्वहारा की पार्टी माकपा के नेता स्वयं अय्याशीपूर्ण जीवन जीने में जुटे हैं।
हाल ही में एनएनसी लेवलिन मामले को लेकर विवाद में फंसी माकपा नई मुसीबत में घिरती नजर आ रही है। इस बार मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन की बेटी को शोध के लिए अनुदान देने का मामला माकपा के गले की फांस बनता दिख रहा है।
मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आशा को अकादमी प्रोजेक्ट आवंटित करने में अनियमितता और भाई-भतीजावाद का सहारा लिया गया। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि यह धनराशि केरल बायोटेक्नोलोजी मिशन द्वारा मंजूर की गई जो केएससीएसटीई की शाखा है और बतौर मुख्यमंत्री अच्युतानंदन इसके प्रमुख हैं।
खबर है कि केरल स्टेट कौंसिल फार साइंस टेक्नोलाजी एंड एनवायर्नमेंट [केएससीएसटीई] ने मुख्यमंत्री अच्युतानंदन की बेटी वी. वी. आशा को शोध अनुदान के रूप में 35 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की। मीडिया रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि आशा को अकादमी प्रोजेक्ट आवंटित करने में अनियमितता और भाई-भतीजावाद का सहारा लिया गया। मीडिया रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि यह धनराशि केरल बायोटेक्नोलोजी मिशन द्वारा मंजूर की गई जो केएससीएसटीई की शाखा है और बतौर मुख्यमंत्री अच्युतानंदन इसके प्रमुख हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रोजेक्ट का उचित तरीके से मूल्यांकन नहीं किया गया और अच्युतानंदन को खुश करने के लिए आशा को शोध राशि आवंटित कर दी गई। संदर्भ दैनिक जागरण
दैनिक जागरण
The Hindustan Times
2 comments:
क्या ये वही कुत्ते वाला अच्यूतानन्दन है?
vahi na jise sandeep unnikrishnan ke papa ne darwaje se bhaga diya tha? Kya galat kiya tha?
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