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Monday 29 October, 2007

नन्दीग्राम में ममता बनर्जी के काफिले पर गोलियां बरसाईं


नन्दीग्राम में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी किसानों, मजदूरों और महिलाओं पर बर्बर जुल्म ढा रही हैं। किसानों का हक छीना जा रहा है। माकपा के अत्याचारों के खिलाफ महाश्वेता, मेधा और ममता बनर्जी संघर्ष कर रही हैं। अपने को सर्वहारा वर्ग की शुभचिंतक होने का ढोल पीटने वाली मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी सर्वहारा वर्ग पर गोलियाँ बरसा रही हैं। गत मार्च महीने से मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के गुंडे किसानों, मजदूरों और महिलाओं पर हिंसक हमले कर रहे हैं।

गत 28 अक्टूबर को खेजुरी और नंदीग्राम के बीच तेखाली पुल पर धरना देने जा रही ममता बनर्जी के काफिले पर अज्ञात लोगों ने 28 अक्टूबर को हमला कर दिया। हमले में वे बाल-बाल बच गईं। उनका काफिला सुरक्षा घेरे में नहीं चल रहा था। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख सुश्री बनर्जी का काफिला तेखाली पुल की ओर जा रहा था तभी खेजुरी की ओर से उनकी कार के दाहिने हिस्से से उस पर गोलियाँ बरसाई गई। ममता ने गाड़ी के सामने गिरी कुछ गोलियाँ उठाकर घटनास्थल पर मौजूद मीडियाकर्मियों को दिखाईं। उन्होंने बताया कि वे 303 सीरीज की गोलियाँ थीं, जिनका इस्तेमाल पुलिस करती है।

इत्तेफाक से उनके काफिले के साथ पुलिस की कोई पायलट कार नहीं थी और न ही एक भी पुलिसकर्मी घटनास्थल पर मौजूद था। सुश्री बनर्जी के साथ उनके सिर्फ निजी सुरक्षाकर्मी ही थे। विधायक और तृणमूल कांग्रेस के नेता शुभेन्दु अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पूर्वी मिदनापुर के पुलिस अधीक्षक को सुश्री बनर्जी के दौरे की जानकारी दे दी थी।

इस बीच सुश्री बनर्जी ने भूमि प्रतिरोध समिति के कार्यकर्ताओं पर हमले के लिए माकपा कार्यकताओं के खिलाफ कार्रवाई पर केंद्रीय गृह मंत्रालय से आश्वासन की माँग को लेकर गोकुलनगर के निकट धरना शुरू कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने पूर्वी मिदनापुर जिले के नंदीग्राम में माकपा समर्थकों की गोलीबारी और बमबाजी की हरकतों पर लगाम लगाने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और गृहमंत्री शिवराज पाटिल से हस्तक्षेप करने की माँग की है।

गढ़चक्रबेरिया में एक जनसभा में ममता ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखे हैं तथा उनके जवाब की प्रतीक्षा कर रही हैं। ममता ने इन पत्रों में कहा है कि दोषियों को दंड दिया जाए। इस बीच ममता ने कहा कि नंदीग्राम की जनता को मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य के गुंडों के खिलाफ संघर्ष जारी रखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि माकपा कार्यकर्ता बंदूकों के जोर पर अपनी मनमानी नहीं कर सकते हैं। शांतिप्रिय जनता अंतत: स्थिति पर नियंत्रण कर लेगी और राज्य प्रायोजित आतंकवाद खत्म हो जाएगा। ममता नंदीग्राम के कई इलाकों के दौरे पर हैं और उन्होंने पहले ही घोषणा की है कि वह खेजुरी भी जायेंगीं जो माकपा का गढ़ माना जाता है।







2 comments:

अनुनाद सिंह said...

"वर्ग संघर्ष" को कत्ल, हत्या, जनसंहार, किलिंग, जेनोसाइड, खूनखराबा, हिंसा, ब्लडशेड आदि नाम देना यह दिखाता है कि आपका कमीनीज्म का ज्ञान अत्यल्प है।

सही शब्दों का प्रयोग करें।

आशीष कुमार 'अंशु' said...

Sanjeev Bhai, Aap dekh rahe hai, Chadm budhijiviyo kaa tamaasha. apane suvidhaa se arth gadhte hai yah log.
maine Nandigraam or singur ke kisano kee halat apane ankho se dekha hai. or communsto kaa kahar bhee.