मजदूरों के साथ हमदर्दी जताने का झुठा नाटक रच रहे हैं कांग्रेस के राजकुमार राहुल गांधी। कांग्रेसियों ने सदा से ही देश के आम लोगों का मजाक उडाया है। आगामी चुनाव अब आम लोग कांग्रेसियों को ठीक से सबक सिखा देंगे।
very high profile labour, if u really want to do some thing for poors u have to spend a lot of time there, this is not the way, do not make fool to poor public of india.it shows your political hypocrisy. and one day u have to pay for this. "ye jo public hai sab janti hai" mr. rahul.
नौटंकी, नक़ल और गाँधी उपनाम से कोई महात्मा गाँधी नहीं बन जाता. मजदुर बनने के लिए नंगे पाँव होना पड़ता है न की रीबोक शू का होना. ६० साल तक यह परिवार देश को मुर्ख बनाता रहा है. अब चाहे जितने भी नए हथकंडे अपना ले जनता मुर्ख हरगिज नहीं बननेवाली.
जान लोगे क्या बच्चे की? जो पकड़ने को कहा पकड़ लिया, जैसे चलने कहा चल लिया, बेचारे में ख़ुद सोचने समझने लायक दिमाग ही कहाँ है? ड्रामा करने वाले तो इसकी मम्मी के दरबारी हैं, बेचारे ४० साल के राहुल बाबा में इतना दिमाग कहाँ की किसी को मूर्ख बनाए.
जनता जागरूक होती तो ऐसे फोटो आ ही नहीं सकते थे। सोनिया के चरण-चुम्बकों को अच्छी तरह पता है कि भारत में अब भी ६०% लोग इस स्थिति में ही नहीं हैं कि वे अपने लिये सही नेता चुन सकने के लिये आवश्यक तर्क-वितर्क कर सकें। जब तक जनता अपना विवेक प्रदर्शित नहीं करेगी, तब तक उसको ये कांग्रेसी 'भेड़' ही समझते रहेगें।
नही जी वो किसी को मूर्ख नही बना रहे है .वो तो अपने राज्य मे जनता के बीच घूम कर १००० ग्राम मिट्टी का तसला ( जो उन्हे उनके सिपहसालारो के रोगाणु मुक्त कर थमाया है ) नफ़ासत से उठाकर एहसान कर रहे है
मिटटी का तसला ढोकर'क्या संदेश' किसके लिए, देना चाहतें हैं ? राहुल बाबा. . . .देश की जनता, अब सब समझने लगी है.रिबोक का जुता और आयातित कपडे पहनकर, मिटटी ढोने का स्वांग इस देश के पसीना बहाकर मेहनत करने वाले मजदूरों का मजाक ना बनाएं.
यह सब ड्रामा किस लिये,इन्ही मजदुरो के पॆट कर लात मार कर इन्ही का हिस्सा यह सब खाते है,अब भी जागो, ओर इन नटो को एक वोट भी मत दो, इस कांग्रेस को ओर जो जो पार्टीया इस के साथ जुडी है सब को उन की ओकात दिखा दो,हमे सपने दिखा कर, बेवकुफ़ बनाते है, ओर खुद राजो की तरह से रहते है हमारे खुन पसीने की कमाई से धन्यवाद
19 comments:
सही कहा मित्र, यही तो है राजनीति
मजदूरों के साथ हमदर्दी जताने का झुठा नाटक रच रहे हैं कांग्रेस के राजकुमार राहुल गांधी। कांग्रेसियों ने सदा से ही देश के आम लोगों का मजाक उडाया है। आगामी चुनाव अब आम लोग कांग्रेसियों को ठीक से सबक सिखा देंगे।
वैरी सुंदर. आभार.
very high profile labour, if u really want to do some thing for poors u have to spend a lot of time there, this is not the way, do not make fool to poor public of india.it shows your political hypocrisy. and one day u have to pay for this. "ye jo public hai sab janti hai" mr. rahul.
भगवान राहुल गांघी की ऐसी हालत करे की उसे कम ना मिले और वो बोझा ही धोता रहे. बोझा तो उससे उठेगा नही लास्ट मैं युवराज मर जाए. देश पर से कलंक मिट जाए.
कहीं राहुल गाँधी "white man's burden" तो नहीं ढो रहे??
हम तो चाहते हैं कि भगवान करे कि राहुल गांधी को सच मुच में तगारी ढोनी पड़े....आमीन !!!
नौटंकी, नक़ल और गाँधी उपनाम से कोई महात्मा गाँधी नहीं बन जाता. मजदुर बनने के लिए नंगे पाँव होना पड़ता है न की रीबोक शू का होना. ६० साल तक यह परिवार देश को मुर्ख बनाता रहा है. अब चाहे जितने भी नए हथकंडे अपना ले जनता मुर्ख हरगिज नहीं बननेवाली.
मान गए ... आपकी पैनी नजर ..कमाल की है,
जान लोगे क्या बच्चे की? जो पकड़ने को कहा पकड़ लिया, जैसे चलने कहा चल लिया, बेचारे में ख़ुद सोचने समझने लायक दिमाग ही कहाँ है? ड्रामा करने वाले तो इसकी मम्मी के दरबारी हैं, बेचारे ४० साल के राहुल बाबा में इतना दिमाग कहाँ की किसी को मूर्ख बनाए.
कथनी और करनी में ऐसा अन्तर व्यक्ति को सदैव अविश्वसनीय और हास्यास्पद बनाता है।
कथनी और करनी में ऐसा अन्तर व्यक्ति को सदैव अविश्वसनीय और हास्यास्पद बनाता है।
कथनी और करनी में ऐसा अन्तर व्यक्ति को सदैव अविश्वसनीय और हास्यास्पद बनाता है।
मज़दूर और मगरूर में अंतर होगा ही!
जनता जागरूक होती तो ऐसे फोटो आ ही नहीं सकते थे। सोनिया के चरण-चुम्बकों को अच्छी तरह पता है कि भारत में अब भी ६०% लोग इस स्थिति में ही नहीं हैं कि वे अपने लिये सही नेता चुन सकने के लिये आवश्यक तर्क-वितर्क कर सकें। जब तक जनता अपना विवेक प्रदर्शित नहीं करेगी, तब तक उसको ये कांग्रेसी 'भेड़' ही समझते रहेगें।
नही जी वो किसी को मूर्ख नही बना रहे है .वो तो अपने राज्य मे जनता के बीच घूम कर १००० ग्राम मिट्टी का तसला ( जो उन्हे उनके सिपहसालारो के रोगाणु मुक्त कर थमाया है ) नफ़ासत से उठाकर एहसान कर रहे है
मिटटी का तसला ढोकर'क्या संदेश' किसके लिए, देना चाहतें हैं ? राहुल बाबा. . . .देश की जनता, अब सब समझने लगी है.रिबोक का जुता और आयातित कपडे पहनकर, मिटटी ढोने का स्वांग इस देश के पसीना बहाकर मेहनत करने वाले मजदूरों का मजाक ना बनाएं.
यह सब ड्रामा किस लिये,इन्ही मजदुरो के पॆट कर लात मार कर इन्ही का हिस्सा यह सब खाते है,अब भी जागो, ओर इन नटो को एक वोट भी मत दो, इस कांग्रेस को ओर जो जो पार्टीया इस के साथ जुडी है सब को उन की ओकात दिखा दो,हमे सपने दिखा कर, बेवकुफ़ बनाते है, ओर खुद राजो की तरह से रहते है हमारे खुन पसीने की कमाई से
धन्यवाद
भगवान को
क्योंकि वो दिखता भी नहीं
बनता भी नहीं
और सामने आता भी नहीं
अंत में जनता के सामने
बनाने वाला ही है बनता।
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