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Monday 23 February, 2009

नैनो-नंदीग्राम की चक्की में पिसा बंगाल

निवेशक कर रहे हैं पश्चिम बंगाल में निवेश से तौबा।
नंदीग्राम और सिंगुर घटनाक्रमों के बाद वर्ष 2008 में पश्चिम बंगाल देश के प्रमुख निवेश केंद्रित राज्यों की सूची में 13वें स्थान पर आ गया है जबकि इससे एक साल पहले उसे चौथा स्थान हासिल था। यह खुलासा एसोचैम की ओर से पेश की गई एक रिपोर्ट में हुआ है।

इस रिपोर्ट के मुताबिक राज्य साल 2007 में राज्य के लिए 2,43,489 करोड़ रुपये की निवेश घोषणाएं की गई थीं, जबकि 2008 में ये घटकर महज 90,095 करोड़ रुपये रह गईं।

एसोचैम के महासचिव डी एस रावत ने बताया कि नंदीग्राम और सिंगुर की घटनाओं ने राज्य में निवेश की कमर तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि इन दोनों मामलों के बाद से कारोबारी राज्य में निवेश से कतराने लगे हैं।

जनवरी से दिसंबर 2008 के बीच पश्चिम बंगाल के लिए देश के कारोबार जगत ने 90,095 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणाएं की थीं, जो कि पिछले साल की समान अवधि से 63 फीसदी कम हैं। पिछले वर्ष इसी अवधि में 2,43,489 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणाएं की गई थीं।

हालांकि राज्य में निवेश घटने की एक वजह आर्थिक मंदी भी रही है। नकदी की किल्लत के कारण बुनियादी क्षेत्रों का विकास प्रभावित हुआ और इस कारण निवेश सूची में पश्चिम बंगाल नीचे खिसक आया है।

कैलेंडर वर्ष 2007 और 2008 में राज्य के लिए निवेश के मामले में स्टील क्षेत्र सबसे आगे रहा है। वर्ष 2007 में स्टील क्षेत्र की घरेलू कंपनियों ने जहां राज्य में 85,200 करोड़ रुपये की निवेश घोषणाएं की, वहीं 2008 में यह निवेश घटकर महज 23,000 करोड़ रुपये रह गया। इस तरह अकेले स्टील क्षेत्र की ओर से निवेश में इस दौरान 72.6 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।

साल 2007 में राज्य में दूसरा सबसे अधिक निवेश करने वाला क्षेत्र रियल एस्टेट रहा, जहां से 52,929 करोड़ रुपये की निवेश घोषणाएं की गईं। हालांकि 2008 में रियल एस्टेट की जगह मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र ने ले ली और इस क्षेत्र से 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की गई।

राज्य में निवेश के लिहाज से 2007 और 2008 दोनों ही सालों में तेल एवं गैस क्षेत्र तीसरे स्थान पर रहा। इस क्षेत्र ने 2007 में जहां 42,750 करोड़ रुपये की निवेश घोषणाएं की थीं, वहीं 2008 में यह 77 फीसदी घटकर केवल 20,000 करोड़ रुपये रह गईं।

अगर कंपनियों के लिहाज से राज्य में निवेश की हालत देखें तो 2007 में जेएसडब्लू स्टील 35,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ सबसे आगे रहा। कंपनी ने इस निवेश की घोषणा खड़गपुर के निकट सालबोनी में 10 मिलियन टन के स्टील संयंत्र को लगाने के लिए किया था।

डांकुनी में टाउनशिप परियोजना के विकास के लिए 33,000 करोड़ रुपये की निवेश घोषणा के साथ डीएलएफ दूसरे स्थान पर रही।

हल्दिया में क्षमता विस्तार के लिए 29,750 करोड़ रुपये के निवेश के साथ इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन तीसरे पायदान पर रही। जबकि वीडियोकॉन समूह ने चौथे और रिलायंस इंडस्ट्रीज ने पांचवे स्थान पर कब्जा जमाया। (प्रदीप्ता मुखर्जी)

चिकनी है डगर

निवेश के लिए पसंदीदा राज्यों की सूची में पहुंचा 13वें नंबर पर

नंदीग्राम और सिंगुर बने निवेशकों की बेरुखी की वजह

एक ही साल में घट गया लगभग 63 फीसदी निवेश

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